werewolf |
दोस्तों हमारी दुनिया , बेहद रहस्यमय है ,आज हमारे ग्रह पर बहुत ज्यादा आबादी है , लेकिन पहले के जमाने में आबादी बेहद कम थी , और तब यह दुनिया और भी ज्यादा रहस्यमई थी , प्राचीन काल में पाए जाते थे , एक से बढ़कर एक रहस्यमई जीव जने आज के जमाने में देखना , किस्मत की बात होती है .मानव भेड़िया क्या है और कैसे बनते है -
ऐसा ही एक जीब था, वेरवोल्फ़ या मानव भेड़िया , जिसे देखे जाने के किस्से आज भी सामने आते रहते हैं।
आज के एपिसोड में हम, वेरवोल्फ़ के बारे में विस्तार से जानेंगे , और कुछ असली वेरवोल्फ़ की सच्ची कहानियों को जानने की कोशिश करेंगे। तो एपिसोड , को अंत तक जरूर देखिएगा।
दोस्तों वेरवोल्फ़ दरसल ऐसे इंसान होते हैं, जो किसी शक्ति या श्राप की वजह से भेड़िए में तब्दील होने की ताकत रखते हैं, पश्चिम दंत कथाओं में वेरवोल्फ़ बनने के लिए , कई तरीकों का वर्णन मिलता है , जैसे किसी शक्ति के जागृत हो जाने से , पूर्णिमा की रात इंसानों के पास भेड़िए में परिवर्तित होने की शक्ति आ जाती है , इसके अलावा किसी के द्वारा दिए गए श्राप की वजह से मानव वीडियो में तब्दील हो जाते हैं। और किसी खास लेप को शरीर में लगाने से भी , ऐसा होना संभव है।
मान्यताओं के अनुसार जब कोई वेरवोल्फ़ किसी इंसान को काट लेता है , तो वह इंसान भी एक बार वेरवोल्फ़ बन जाता है। ग्रीक माइथॉलजी में वर्णन मिलता है , जब ग्रीक राजा लाइकोन ने भग्वान जिउस को , एक बच्चे की बलि चढ़ाई , तब क्रोध में आकर जिउस ने उसे मानव भेड़िया बनने का श्राप दिया था ,
क्या सच में मानव भेड़िया होते है -
दोस्तों अब बात करते हैं , वेरवोल्फ़ के कुछ सच्चे किस्सों की ,बुल्गेरिआ में ट्रांसलेट ड्रैगन ऑफ नाम का एक किसान रहता है ,
वह हमेशा की तरह , खेत में हल चला रहा था , तभी अचानक उसे वहां एक बॉक्स मिला , उस बॉक्स के अंदर उससे मिली एक अजीब सी दिखने वाली खोपड़ी , ये खोपड़ी ना तो पूरी इंसान की है , ना ही भेड़िए की , इसी वजह से इस खोपड़ी को देखकर सब हैरान रह गए थे , सवाल यह है , कि अगर यह किसी इंसान की खोपड़ी होती तो इसे बक्से में भरकर जमीन में गाड़ने की क्या जरूरत पड़ी ,
और दोस्तों ऐसी एक नहीं बल्कि कई खोपड़ीया , दुनिया भर के अलग-अलग हिस्सों में भी पाई गई हैं। पहले के समय में इन वेरवोल्फ़ को जलाकर मारा जाता था , क्योंकि उसे मारने का , यही एक तरीका होता था , कई जगहों पर उसका सर काट के अलग दफना दिया जाता था , और बाकी शरीर को आग लगा दी जाती थी।
बुल्गारिया में मिली यह खोपड़ी भी शायद ऐसी ही किसी वेरवोल्फ़ की है, जिसे मार दिया गया था , दोस्तों यूएस में , मोंटाना नाम की एक जगह है , जहां एक किसान ने , वेरवोल्फ़ जैसे किसी जीव को देखने का दावा किया था। उस किसान के पास बंदूक थी , जिससे उसने वेरवोल्फ़ को मार गिराया। डिपार्टमेंट ऑफ वाइल्ड फायर ने ये बात खुद्द मानी थी कि , यह एक प्रीहिस्टोरिक जीब है , खुद बीबीसी ने इस जिब की तस्वीरें पेश की थी। जिन्हें देखकर यह साफ पता चलता है कि यह कोई आम भेड़िया नहीं है।
फ्रांस में भी वेरवोल्फ़ के कई खतरनाक किस्से सामने आए , सन 1522 में , पियरीड और माइकल वेल्डन नाम के दो व्यक्ति थे , जो शैतान की पूजा करते थे , उन्होंने काली शक्तियों की मदद से एक ऐसा लेप बनाया था , जिसे शरीर में लगाते ही इंसान वीडियो में तब्दील हो जाता था , व लोग इस लेप को लगा कर रात में बाहर निकलते थे. और उन्होंने कई बच्चों की जाने ली थी। जब वह दोनों पकड़े गए , तब उन्हीं लोगों ने उन दोनों को जिंदा जला दिया था।
सन 1640 के आसपास , जर्मनी का एक गाओं , ग्रीस्वॉल्ड , वेरवोल्फ़ की बड़ी आबादी से पीड़ित था , वहां उनकी तादाद बढ़ती ही जा रही थी , और लोग जब रात को घर से बाहर निकलते थे तो उनकी जान चली जाती थी। माना जाता है , कुछ छात्रों के समूह ने , हथियार और ढेर सारे बुलेट जमा किए , और एक रात घरों से बाहर निकल कर उन वेरवोल्फ़ का सफाया कर दिया। उसके बाद वह गांव दोबारा पहले की तरह हो गया।
भारतीय मानव भेड़िया -
Lord Krishna making werewolves out of his hair |
हिंदू माइथॉलजी में , यक्ष का वर्णन मिलता है जो वेरवोल्फ़ की श्रेणी में आते हैं , ये यक्ष कुबेर के खजाने की रक्षा करने का काम किया करते थे , इसके अलावा भगवान कृष्ण ने अपने शरीर के एक बाल से कुछ वेरवोल्फ़ को उत्पन्न भी किया था , कहा जाता है, ब्रिज के लोगों को वृंदावन भेजने के लिए , कृष्ण ने अपने बाल से , कई वेरवोल्फ़ उत्पन्न किए, लोग इतने मानव भेड़ियों के समूह को देखकर घबरा गए ,और उन्होंने वृंदावन जाने का फैसला किया था।
इसके अलावा , भारत के उत्तर प्रदेश में भी , वेरवोल्फ़ की एक घटना का वर्णन मिलता है , सन 1878 में , ब्रिटिश ऑफिसर्स ने उत्तर प्रदेश में 600 से ज्यादा ऐसी मौतें रिकॉर्ड की थी , जो भेड़ियों की वजह से हुई थी , ज्यादातर लासे छोटे बच्चों की थी , सन 1996 में भी वहां ऐसा ही कुछ हुआ था , जब गांव के लोगों ने आधा इंसान , और ,आधा भेड़ियों को देखने की बातें कही थी। दोस्तों 425 बी सी में मशहूर फिलॉस्फर हेरोड टोस न्यूरि नाम की एक जादुई जनजाति की बात लिखी थी ,
उनका कहना था कि इस जनजाति के लोग, साल में एक बार पूर्णिमा की रात,भेड़ियों में तब्दील हो जाते हैं , और 7 दिन भेड़िया बनकर रहते हैं। हेरोडोटस ने कहा , कि वह खुद इस बात पर यकीन नहीं करते थे , लेकिन जब वह उन लोगों से मिले जिन्होंने प्रत्यक्ष रूप से ऐसा होते देखा था , अब हेरोडोटस को ये बात माननी ही पड़ी थी।
conclusion -
दोस्तों कुछ लोगों का कहना है , कि वेरवोल्फ़ के किस्से दरअसल और कुछ नहीं बल्कि , वेरवोल्फ़ सिंड्रोम नाम की एक बीमारी है। जिसमें इंसान के शरीर में लंबे लंबे बाल आते हैं , लेकिन दोस्तों पौराणिक काल के लोगों में इतनी समझ तो जरूर थी , जो एक बीमारी और खौफनाक जिब में अंतर कर सकें ,
आज धरती पर डायनासोर नहीं है , इसका यह मतलब नहीं , कि वह अस्तित्व में ही नहीं। इतिहास में इस तरह के कई अकल्पनीय जीवन का वर्णन दुनिया के अलग-अलग जगहों पर मिलता है। दोस्तों इस मुद्दे पर आपकी क्या राय है , कमेंट में जरूर लिखें और हमारा ये लेख , पसंद आए तो , अपने दोस्तों के साथ जरूर share करें , हम जल्द आपसे एक नए Article के साथ मिलेंगे धन्यवाद।