ककन मठ मंदिर का रहस्य -
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कुछ साल पहले वैज्ञानिकों को , मध्य प्रदेश के एक मंदिर के बारे में, कुछ अजीबोगरीब बात पता चलती है. इस मंदिर के बारे में उस वक्त , ना तो इंटरनेट पर कोई जानकारी उपलब्ध थी और ना ही इसके बारे में लोगों को कुछ पता था। इस मंदिर के बारे में जो भी लोग कुछ जानते थे , वह इस मंदिर के आसपास के रहने वाले थे। यहां के लोगों ने वैज्ञानिकों को बताया , कि शाम होते ही इस मंदिर में कोई नहीं जा सकता , इसके साथ ही लोगों ने कुछ ऐसा बताया कि वैज्ञानिकों के होश उड़ गए।
और उन सारी रहस्य को , अपनी आंखों से देखने के लिए और इस मंदिर पर शोध करने के लिए वैज्ञानिक पहुंच गए इस मंदिर के पास। यह मंदिर बाहर से पूरी तरीके से खंडार जैसा दिख रहा था , परंतु जैसे ही वैज्ञानिकों ने इस मंदिर को करीब से देखा , तो उन्होंने दांतो तले उंगली दबा ली , बाद में वैज्ञानिकों का कोई भी दल ना तो इस मंदिर के पास गया , और ना ही इस मंदिर पर कोई भी , संरक्षण का काम हुआ।
आखिर ऐसा क्या हुआ , जो वैज्ञानिक इस मंदिर में दोबारा कभी नहीं गए। आखिर क्यों इस मंदिर के बाहर सारा दिन बैठने वाला गार्ड , शाम होते ही इस मंदिर को छोड़कर चला जाता है। आखिर वैज्ञानिक इस मंदिर के पास जाने से भी क्यों डरते हैं।
नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है, ' TECHNO-AMIT ' site में। अगर आपको इसी तरह के real story देखना है , तो इस लेख को करना मत भूलियेगा। तो चलिए आज की ये story को शुरुआत कर ते हैं।
दोस्तों ये बात है , हमारे भारत के मध्य प्रदेश के, मुरेना नाम के गाओ में , 1000 साल पुराना , बहुत ही अद्भुत और रहस्य मयि मंदिर है। इस मंदिर के जैसा दुनिया में दूसरा कोई भी मंदिर नहीं है। दोस्तों इस मंदिर का नाम है , ककनमठ मंदिर , जो भगवान शिवजी के मंदिर है। यह मंदिर प्राचीन स्थापित कला का अद्भुत उदाहरण है।
ये मंदिर सामने से ही रहस्य है -
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लेकिन आपके मन में यह सवाल जरूर उठता होगा , कि कहीं ये गिर ना जाए। लेकिन यह मंदिर , बरसो से अपने स्थान पर खड़ा हुआ है। बड़े-बड़े आंधी तूफान आए , लेकिन इस रहस्य मई मंदिर को हिला नहीं पाए। बताया जाता है, कि मुस्लिम शासकों ने इस मंदिर को तोड़ने के लिए गोले तक दागे थे। लेकिन मंदिर को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचा। मंदिर के आसपास बने कई छोटे-छोटे मंदिर नष्ट हो गए हैं, लेकिन इस मंदिर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा , मंदिर के बारे में कमाल की बात यह कही जाती है कि , जिन पत्थरों से , ये मंदिर बना है ,बहाँके आसपास के क्षेत्रों में यह पत्थर कहीं नहीं मिलता।
आखिर, ये कैसे संभव है,दोस्तों , इस मंदिर के बारे में एक कहानी प्रचलित है, जिसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे ,लोग ये कहते हैं, कि इस मंदिर को कोई इंसान ने नहीं , बल्कि एक रात में भूतों ने बनाया था , यहां के लोगों ने कहा कि सूर्यास्त तक ये एक साफ़ मैदान था , लेकिन दूसरे दिन सूर्योदय के साथ ही यह मंदिर अचानक दिखाई दिया। यह मंदिर का निर्माण किसने किया , इसका उल्लेख नहीं है।
गांव के लोगों का मानना है , कि भूत प्रेत, सिब जी के भक्त होते हैं, और यहां आस-पास ,कहीं भी शिव जी का मंदिर नहीं था ,इसलिए भूतों ने सब् जी को ,प्रसन्न करने के लिए , एक रात में इस भव्य मंदिर का निर्माण कर दिया। इस मंदिर को देखकर यह लगता है, की इसका निर्माण अचानक , छोड़ दिया गया होगा, स्थानीय लोग कहते हैं , कि मंदिर बनते-बनते सुबह होने के पहले ही , कोई जाग गया था , और उसने आटे की चक्की चलाने के लिए , उसमे लकड़ी ठोक दी , जिस की आवाज सुनकर , मंदिर का निर्माण रात को ही भूतो ने , अधूरा छोड़ कर चले गए।
इस मंदिर के बनने को लेकर ,एक और कहानी कही जाती है, मंदिर का नाम रानी ककरबती के , नाम पर जाना जाता है. जो संभवत , कच्छप का शासक कीर्ति राज की रानी थी। जिसके आदेश पर इस मंदिर का निर्माण ,एगारवी शताब्दी में , किया गया था। अब बात करते हैं ,की बईज्ञानइक इस मंदिर के पास क्यूँ नहीं जाते और इस मंदिर को क्यों नहीं छेड़ते ,और रात में किसी का भी आना क्यों मना है , जब archeological survey of india की टीम ने , इस मंदिर देखा ,तो सब इस मंदिर को ,देखकर चकित रह गए , क्यों की ऐसा मंदिर ,उन्होंने कभी नहीं देखा था , उन लोगों ने देखा , इस मंदिर के निर्माण में , किसीभी तरह, सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया गया है। सभी पत्थर एक के ऊपर एक ,कत्तार बद्ध में रखे हुए हैं।
इस मंदिर को , एक बार देखकर तो मन में यह सवाल उठता है, कि कहीं ये गिर ना जाए। लेकिन यह मंदिर तो , वर्षों से अपने स्थान पर, अडिग खड़ा हुआ है। परंतु कैसे , जब यह बात उन लोगों ने यहां के लोगों से पूछा , तो लोगों ने इस मंदिर को भूतों द्वारा बनाए जाने की बात कही ,हालांकि विज्ञान इन बातों को नहीं मानता , परंतु सामने जो 1000 साल पुराना मंदिर खड़ा था ,और वह भी बिना किसी सीमेंट गाड़ी के इस्तेमाल किए , उसे नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता था।
मंदिर के बाहर ए एसआई के शिलालेख में , पुख्ता तौर पर यह बात नहीं लिखी गई है , कि मंदिर का निर्माण ककर बति ने हीं करवाया था। सिला पर सम्भब तोह शब्द का इस्तेमाल किया गया है। जिसके मायने यह है कि सिर्फ कही सुनी बातों के आधार पर यह लिखा गया है। और कही सुनी बातें तो , भूतों के द्वारा मंदिर का निर्माण भी बताया जाता है। हालाँकि A S I ने , भूत वाली बात को नकार दिया , और कहा कि मंदिर के पास शाम होते ही कोई नहीं जाएगा , क्योंकि की उन लोगो को भय था कि यदि मंदिर को छेड़ा गया तो ये गिर सकता है। क्योंकि इसके पत्थर बिना किसी सीमेंट का इस्तेमाल किये इन पथर को एक के ऊपर एक ,रखे हुए हैं।
इस कारण उन्होंने इस मंदिर से दूरी बना ली। मंदिर के बारे में सच क्या है , इसका जवाब तो इस मंदिर को बनाने वालों के साथ ही गुम हो गया , और जो बच गया वह है 1000 साल पुराना ककनमठ मंदिर ,जाने की कितने प्राकृतिक आपदाओं को जेल गया और वह भी बिना किसी सीमेंट गड़े के इस्तेमाल के। दोस्तों आपका क्याज राय है , इस मंदिर के बारे में। किया इसे भूतो ने बनाया, या राजघराने की देन है. अगर ये रानी की देन है , तो इस मंदिर को इस तरीके से क्यों बनाया गया। अभी जवाब हमें, कमेंट बॉक्स के माध्यम से लिखे , artcle पसंद आए तो , दोस्तों के साथ शेयर करना मत भूलियेगा , हम जल्द आपसे एक नए लेख के साथ मिलेंगे धन्यवाद .